आज ..यहाँ सिर्फ़ 0ne Rupee क्लब की शुरूआती जानकारी देना चाहती हू---
हमें प्रति व्यक्ति से एक रूपये रोज जमा करना है जिससे माह में प्रति व्यक्ति ३० रूपये होते है ...अगर हमारे घर में ५ सदस्य हैं और हम ५ रूपये रोज जमा करते है तो एक माह में १५० रूपये होते है यदि १० लोग जुड़ते है तो ३०० यदि १०० तो३०००.....................अब यदि सोचे कि गर्मी के दिनों में किसी सामान ढोने वाले व्यक्ति को जो नंगे पैर चलता है,को स्लीपर देना चाहे तो १० लोग मिलकर महीने मे तीन लोगॊ को तो दे ही सकते है .....एक रूपया कहाँ से आयेगा अगर ऐसा सोचें तो----गुटका,सिगरेट जैसे पाऊच की कीमत देखें...
अब यहाँ ये बात भी ध्यान देने योग्य है कि--अधिकतर लोग चाहते है देना, और कहते हैं --आप साल भर के ३६५ रुपये ले लिजिये......मगर मेरा मकसद दान लेना नहीं है मै चाह्ती हूँ लोगों में हर दिन किसी की मदद करना है ये भावना जन्म ले...उन्हे खुद ही याद रहे कि आज किसी की मदद की या नहीं?....इसलिये सिर्फ़ हर दिन एक रूपये के हिसाब से ही ३० रूपये माह जमा करें..
अब इन रूपयों का क्या करना है ------इन पैसो से उन लोगों की मदद करनी है जो बहुत मेहनत करने के बाद भी कई परेशानियों का सामना करते हैं जैसे--किसी स्कूल में जाकर ऐसे बच्चे की फ़ीस भर देना जिसकी फ़ीस जमा नहीं हो पा रही हो....किसी अस्पताल मे जाकर उस व्यक्ति की दवाई के पैसे भर देना जिसे दवाई उधार लेना पड़ गई हो....ये तो सिर्फ़ एक-दो उदाहरण हैं और आगे तो आप सब सक्षम है ही......पर ध्यान रहे ---जिस तरह लेना सिर्फ़ ३० रूपये है ----देना भी सिर्फ़ ११०० रूपये ही रहे...ऐसा इसलिए कि ----हम रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करके एक ही दिन में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकें ताकि एक अचानक मिली मदद से हर व्यक्ति कम से कम एक दिन तो खुश रह सके ।.....
और विस्तॄत अगली बार.....
-
बेहद नेक ख़्याल है... हम आपके साथ हैं...
ReplyDeleteअगर आप सालाना एक सौ रुपये तय कर दें तो ज़्यादा ठीक नहीं रहेगा...क्योंकि यह ज़्यादा व्यवहारिक है...साथ ही जो आपके साथ जुड़ें, उनका मोबाइल नंबर भी रखिएगा... ताकि अगली बार उन्हें याद दिलाया जा सके (अगर वो भूल जाएं तो)
आप कम से कम एक हज़ार लोगों को जोड़िए...इस तरह आपके पास सालाना 100000 रुपये जमा हो जाएंगे...
साथ में अकाउंट नंबर भी दे दीजिए, जिसमें पैसे जमा कराए जा सकें...
@फ़िरदौस जी,
ReplyDeleteशुक्रिया आपका जो आप हमारे साथ हैं ..
यहाँ देने की भावना पैदा करना है न कि दान को इकट्ठा करना...मोबाईल नम्बर रखने की कोई जरूरत नहीं है...क्योंकि जो एक बार जुड़ जायेगा उसे खुद ही याद रहेगा...मदद करने वाले को याद दिलाना नहीं पड़ता...
इसमें जितने ज्यादा लोग जुडेंगे मदद उतनी जल्दी और ज्यादा लोगों को पहुँचाई जा सकेगी ...
अकाउंट नम्बर की भी कोई जरूरत नहीं ..क्यो?---ये अगली पोस्ट में बताती हूँ...
हम आपके साथ हैं...
ReplyDelete
ReplyDeleteधन्यवाद अर्चना जी, मुझे यह विचार इतना पसँद आया कि मन श्रद्धा से भर आया ।
इससे रोज दान देने की भावना बलवती ही होगी, और इसे एक मिशन के रूप में चलाया जा सकता है ।
हम दम्पत्ति ने कल 20 तारीख वृहस्पतिवार से ही इसे आरँभ करने का निर्णय लिया है । शुभम भ्रूयात !